“कबीर सिंह ही एक ऐसी फिल्म है जिसमें मैंने बिना स्क्रिप्ट पढ़े काम किया था, और इस बात का अफसोस मुझे अभी भी होता है” आखिर ऐसा क्यों कहना पड़ा Adil Hussain को।
Adil Hussain on Kabir Singh
अभी हाल ही में कुछ दिन पहले Adil Hussain एक पॉडकास्ट में गए थे, जहां सवाल जवाब के बीच बात निकली और Adil Hussain से पूछा गया कि “आपको लगता है कि मिक्स कल्चर वाले साउथ फिल्म इंडस्ट्री के डायरेक्टर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आकर फिल्म बना रहे है, जैसे की संदीप रेड्डी वांगा जो अपनी फिल्मों के कॉन्टेंट की वजह से खबरों में बने रहते है, यहां तक कि आप भी उनकी एक फिल्म में थे। क्या वैसा कॉन्टेंट जो हमें एनिमल में भी देखने को मिला, क्या वैसा कॉन्टेंट हम भारतीय दर्शकों के लिए सही है?
इस पर Adil Hussain कहते है कि “मैं आशा करता हूं की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री इस तरह की फिल्में बनाने की राह को न चुने क्योंकि मैने ऐसी फिल्म का भाग बन कर देखा है, कबीर सिंह मेरे जीवन की एक मात्र ऐसी फिल्म है जिसे मैंने बिना स्क्रिप्ट पढ़े किया था, और ये जिस तेलुगु फिल्म की रीमेक थी मैने वो भी नहीं देखी थी।
कबीर सिंह को मैं दिल्ली के थिएटर में देखने गया था, मैं 20 मिनट भी फिल्म नहीं देख सका और मैं बाहर आ गया, और मैं आज तक उस फिल्म में काम करने का अफसोस करता हूं, क्योंकि ये फिल्म misogynist है, जो कि मुझे इंसान होने के नाते बहुत छोटा महसूस करवाता है, और मैने एनिमल जैसी फिल्म देखने की हिम्मत ही नहीं की इसलिए मैं उस पर अपनी कोई टिप्पणी नहीं दे सकता, हां मैंने उसके बारे में किस्से जरूर सुने है, पर मैं फिर भी कोई टिप्पणी नहीं दे सकता।
लेकिन फिर भी मैं कबीर सिंह फिल्म का भाग था, तो मैंने हिम्मत कर के फिल्म देखी, पूरी देखी, और मुझे लगता है की हर किसी के पास फिल्म निर्देश करने का अधिकार है, वो जैसी फिल्म बनाना चाहे बना सकते है, पर हां इस तरह की फिल्म के लिए मैं राजी नहीं हो सकता, क्योंकि ऐसी फिल्में कुछ ऐसी चीज का जश्न मनाती है जो समाज के लिए लाभदायक नहीं है।
ऐसी फिल्में पुरुष को वैध बनाती है, औरतों के साथ हिंसा करने को वैध बनाता है अब भले ही वो औरत हो या नहीं हां पर हिंसा को वैध बनाती है, और ये फिल्म इन्हीं सब चीज का जश्न मनाती है, जो कि गलत है।
मैं फिर से आधिकारिक तौर पर कहता हूं कि मैं अपने पूरे जीवन में सिर्फ कबीर सिंह में अभिनय करने के लिए अफसोस करता हूं। हां मैने जो दृश्य फिल्माया था मुझे वो बहुत अच्छा लगा था, और मुझे लगा कि फिल्म भी बहुत अच्छी होगी पर जब मैने फिल्म देखी मुझे शर्म आने लगी कि मैं इस फिल्म क्यों हूं?
मैं अपनी पत्नी तक को कबीर सिंह देखने को नहीं कह सकता, मुझे इतनी शर्म आती है।“
Sandeep Reddy Vanga Reaction in Hindi
Adil Hussain के कबीर सिंह पर किए गए विचारो की खबर संदीप रेड्डी वांगा तक भी पहुंची, और संदीप ने भी अल्फा चाड व्यक्तित्व का प्रदर्शन करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दिखाई उन्होंने अपने x अकाउंट पर पोस्ट डाली और Adil Hussain को कहा कि
“30 आर्ट फिल्मों में आपके ‘विश्वास’ ने आपको इतनी प्रसिद्धि नहीं दिलाई जितनी एक ब्लॉकबस्टर फिल्म जिसमें आपको काम करके ‘अफसोस‘ हुआ उसने दिलाई।
मुझे ये जानकर अफसोस हुआ की आपके लिए आपके पैशन से बड़ा आपका लालच है।
अब मैं आपको इस शर्म से बचाऊंगा और फिल्म में आपके चेहरे को AI से बदल दूंगा, अब आप मुस्कुराइए।“
Public Reaction
संदीप रेड्डी वांगा की ये प्रतिक्रिया देख लोगो को उनकी ये हरकत बचकानी लगी, क्योंकि पॉडकास्ट में Adil Hussain ने केवल अपने मन की बात रखी जिससे बहुत से लोग सहमत भी है, क्योंकि कबीर सिंह सच में एक अच्छे समाज के प्रतिबिंब को नहीं दिखता।
चाहे कबीर सिंह हो, अर्जुन रेड्डी हो आदित्य वर्मा हो या एनिमल सभी में संदीप रेड्डी ने केवल अपना अल्फा चाड वाला रूप ही दिखाया है,और अब इस तरह की प्रतिक्रिया जो अल्फा चाड नहीं बल्कि बचकाना लगता है।
चलिए अब ये देखना बड़ा ही दिलचस्प रहेगा कि सच में संदीप रेड्डी वांगा अपने कहे मुताबिक Adil Hussain जी का फिल्म में AI से चेहरा बदलते है या नहीं।