Vidya Balan and Pratik Gandhi
आज बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना चुके विद्या बालन और प्रतीक गांधी एक्सप्रेसो के उद्घाटन सत्र में पहुंचे तो तब उन्होंने सफलता का स्वाद चखने से पहले असफलता के खट्टे बेर खाने के बारे में अपना अनुभव लोगो के साथ साझा किया।
Vidya Balan And Pratik Gandhi at Inaugural Session Of Expresso
प्रतिक गांधी और विद्या बालन अपनी आने वाली फिल्म ‘दो और दो प्यार’ के प्रमोशन के लिए एक्सप्रेसों के उद्घाटन में आए थे, जहां उन्होंने अपने फिल्म के साथ साथ अपने जीवन के कुछ अनुभवों के बारे में भी बात की, जहां उन्होंने अपनी सफलता से पहले जितने भी असफलताएं देखी है, उनके बारे में और इंडस्ट्री में जो नेपोटिज्म की हवा चली है उसके वजह से उन्होंने क्या झेला इन सब के बारे में बाते करी है।
Vidya Balan Views On Nepotism in Hindi
जब विद्या बालन से नेपोटिस्म के बारे में उनके विचार जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि “मैं यहां हूं। किसी के bao ki industry नहीं है, नहीं तो हर बाप का बेटा, है बाप की बेटी सफल होती।”
Vidya Balan आगे कहती है कि “मैं अपना काम खुद करके खुश हूं। कई बार मुझे ऐसा लगता था, शायद अगर मुझे कुछ लोगों की सुरक्षा मिलती, तो उन चरणों में लोग थोड़े दयालु होते। लेकिन अवसरों के संदर्भ में मुझे नहीं लगता कि कोई भी मुझे मेरा हिस्सा देने से इनकार कर सका है।
Vidya Balan Struggle Period
Vidya Balan ने अपने करियर के शुरुआती समय के बारे में भी बताया कि कैसे उन्हें 3 साल तक रिजेक्शन का सामना करना पड़ा, जिससे वह अत्यंत दुखी थी। जब भी उन्हें रिजेक्शन मिलता मानो हर बार उनकी भावनाओं को कुचल दिया हो। हर रात वह ये सोचती थी की अब वह एक्टिंग के बारे में नहीं सोचेगी और बहुत रोती थी, पर हर सुबह वो फिर संघर्ष करने निकल पड़ती थी और इसी संघर्ष ने उन्हें सफलता की सीढ़ियां चढ़ाई है।
Pratik Gandhi Struggle Period
स्कैम 1992 के सुपर हिट होने से सफलता का स्वाद चखने वाले प्रतीक गांधी ने भी अपने जीवन में असफलता के खट्टे स्वाद के बारे में भी खुल के बात करी। उन्होंने भी बताया कि ” सूरत से मुंबई आने के बाद उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। यहां तक की टेलीविजन ने तो मुझे सिरे से खारिज कर दिया था। मीन जितने भी ऑडिशन दिए सभी में मुझे खारिज कर दिया गया। टेलीविजन शो के लिए एक अभिनेता का विचार उनके लिए थोड़ा अलग है। मेरे लुक्स और प्रेजेंटेशन उनके लिए किसी काम के नहीं थे। वह खास तरह के अभिनेता के तलाश में रहते थे, गोरा चिट्टा, सुंदर सजीला”।
Vidya Balan Views on Body Shaming
Vidya Balan को भी अपने संघर्ष के दिनो में बॉडी शेमिंग से गुजरना पड़ा था, उन्होंने बताया कि कई बार वह अपने लुक्स की वजह से अपना आत्मविश्वास को चुकी है।
Vidya Balan कहती है कि “आप लोगो को मेरी मां से मिलना चाहिए था। मैं जब भी घर से बाहर निकलती और मैं दरवाजे पर खड़ी होती मेरी मां मुझे ऊपर से नीचे देखती और पूछती की क्या तुम सही तरीके से तैयार हो? इन सवालों से और परेशान हो जाती और मैं वही अपना आत्मविश्वास फिर से को देती।
सच कहूं तो ये बहुत ज्यादा हो जाता क्योंकि मेरे कपड़ों और शरीर पर उनका दवाब हो जाता था, आखिर मेरे इस पहनावे से किसी के बाप का क्या जाता है?(कैसे कोई इससे प्रभावित हो सकता है?”
“दो और दो प्यार” की बाते
Vidya Balan, Pratik Gandhi, Ileana D’Cruz और Sendhil Ramamurthy की फिल्म दो और दो प्यार 19 अप्रैल को बड़े पर्दे पर रिलीज होने जा रही है। जिसमें रोमांस के साथ कॉमेडी का भी तड़का लगा हुआ है। जहां इस फिल्म में तीन कपल और चार प्रेमियों की कहानी को दर्शाया जाएगा।
ट्रेलर देख कर तो ऐसा लगता है की जहां फिल्म को पहले सीरियस टोन के साथ शुरू किया जाएगा पर जैसे फिल्म आगे बढ़ेगी और प्यार का कन्फ्यूजन बढ़ता जायेगा फिल्म में दर्शकों को मजा आने लगेगा, बाकी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर क्या कमाल करती है ये तो 19 अप्रैल को पता चल ही जाएगा।
मैं आशा करता हूं की आपको इस आर्टिकल से विद्या बालन और प्रतीक गांधी के सफलता से पहले असफलता के किस्से अच्छे लगे होंगे और आपको प्रेरणा मिली होगी, आप इस आर्टिकल को आगे अपने दोस्तो को शेयर करे ताकि उन्हें भी इस आर्टिकल से प्रतीक और विद्या के संघर्ष से प्रेरणा मिल सके